प्रायः, जब तक हम मोबाइल फोन या प्वाइंट & शूट कैमरे से फोटो लेते हैं हमारी सारी फोटोग्राफी Auto मोड में होती है। ऑटो मोड में यह होता है कि कैमरे को सब्जेक्ट के सामने रखा और दबा दिया बटन, हो गया सारा काम!
अब कितना Exposure (एक्सपोजर) रखना है, सीन के किस हिस्से को ज्यादा एक्सपोज करना है किसे कम, एपर्चर वैल्यू कितना रखना है, शटर स्पीड क्या होगी, कितना ISO रखना है.. ये सारी बातें कैमरा-कंपनी द्वारा सेट की गई प्रोग्रामिंग के अनुसार डिजिटल कैमरे का सॉफ्टवेयर तय करता है। लेकिन, जब हम डीएसएलआर या किसी अन्य एडवांस्ड कैमरे का उपयोग शुरू करते हैं तब जाकर डीएसएलआर के विभिन्न शूटिंग मोड्स या डिजिटल कैमरा मोड से परिचित होते हैं। आइए जानते हैं ये मोड्स होते क्या हैं और इनका इस्तेमाल क्यों करते हैं।
ये डिजिटल कैमरा मोड या शूटिंग मोड्स (camera modes or shooting modes) दरअसल कैमरे में एक्सपोजर (अपर्चर, शटर-स्पीड और ISO) तथा अन्य parameters सेट करने की व्यवस्थाएं हैं। फोटोग्राफर चाहे तो सब कुछ खुद से सेट करे (Manual Mode), या इन्हें सेट करने की पूरी जिम्मेदारी कैमरे को सौंप दे (Auto Mode) या फिर थोड़ा काम खुद करे और थोड़ा कैमरे को करने दे (Aperture Priority Mode, Shutter Priority Mode और Program Mode)।
ये मोड्स मुख्य रूप से पांच होते हैं – मैनुअल मोड (M), अपर्चर प्रायोरिटी मोड (A या Av ), शटर प्रायोरिटी मोड (S या Tv), प्रोग्राम मोड (P) और ऑटो मोड (Auto)।
डीएसएलआर के शूटिंग मोड्स : डिजिटल कैमरा मोड
डीएसएलआर कैमरे के मुख्यतः पांंच शूटिंग मोड या कैमरा मोड हैं-
ऑटो मोड (Auto), प्रोग्राम मोड (P), अपर्चर प्रायोरिटी मोड (A या Av), शटर प्रायोरिटी मोड (S या Tv) और मैनुअल मोड (M)। इन्हें कैमरे के Mode Dial व्हील की मदद से बदलते हैं।
ऑटो मोड (Auto Mode)
यह वही मोड है जिससे हम सब परिचित हैं क्योंकि ज्यादातर मोबाइल फोन और प्वाइंट & शूट कैमरे से अब तक इसी मोड में हमने फोटो ली होती है। दरअसल फोटो शूट करने के लिए कैमरे में अपर्चर, शटर-स्पीड और ISO के अलावा अन्य कई सारे फैक्टर्स होते हैं, जैसे- व्हाइट बैलेंस, पिक्चर कंट्रोल (तस्वीर का कलर सैचुरेशन, ब्राइटनेस, कंट्रास्ट और शार्पनेस), फोकस एरिया, फोकस मोड, मीटरिंग etc. जिनसे फोटो की क्वालिटी निर्धारित होती है।
ऑटो मोड में आपके लिए यह सारा कुछ कैमरा सेट कर देता है। इन सबके ऊपर आपका कोई नियंत्रण नहीं होता। दूसरे शब्दों में कहें तो आप इन सारे ‘झमेलों’ से मुक्त रहते हैं और अपने DSLR को एक ‘प्वाइंट & शूट’ कैमरे की तरह इस्तेमाल करते हैं।
- ऑटो मोड केवल एंट्री-लेवल/कंज्यूमर DSLR में होता है, प्रोफेशनल DSLR में नहीं।
- बड़ी संख्या में ऐसे लोग होते हैं जो DSLR लेकर भी ऑटो मोड से कभी आगे नहीं बढ़ते और जिंदगी भर उसे ‘प्वाइंट & शूट’ कैमरे की तरह इस्तेमाल करते रह जाते हैं।
प्रोग्राम मोड ((Program Mode)
डिजिटल कैमरा मोड्स में ऑटो मोड से एक पायदान ऊपर है प्रोग्राम मोड। इसमें कैमरा आपके लिए shutter speed और aperture सेट करता है और आपकी तस्वीर को एक एवरेज वल्यू वाला exposure मिलता है, यानी तस्वीर ठीक-ठाक एक्सपोज होती है। विभिन्न लाइटिंग सिचुएशंस को ध्यान में रखकर एवरेज एक्सपोजर के लिए कैमरा अपने हिसाब से अपर्चर और शटर स्पीड का एक उपयुक्त कॉम्बिनेशन सेट करता है।
प्रोग्राम मोड में ISO, व्हाइट बैलेंस, पिक्चर कंट्रोल, फोकस एरिया, फोकस मोड, मीटरिंग (metering) वगैरह आपको खुद से सेट करना होता है। कुछ हद तक अपनी पसंद के साथ फटाफट फोटो लेने के लिए यह मोड परफेक्ट है।
अपर्चर प्रायोरिटी मोड (Aperture Priority Mode)
नाम से जाहिर है इस मोड में आप अपर्चर तय करते हैं और शटरस्पीड तय करने का जिम्मा कैमरे का होता है। अपर्चर के आलावा ISO, व्हाइट बैलेंस (white balance), पिक्चर कंट्रोल, फोकस एरिया, फोकस मोड, मीटरिंग (metering) वगैरह भी आपको ही खुद से सेट करना होता है।
यदि depth of field आपकी प्रायोरिटी है और आप ‘शटर स्पीड’ डिसाइड करने के झंझट से मुक्त रह कर बाकी ध्यान ‘पर्सपेक्टिव’ और ‘फ्रेमिंग’ पर देना चाहते हैं, और exposure में कोई बड़ी गलती किए बिना फटाफट तस्वीर लेना चाहते हैं तो अपर्चर प्रायोरिटी मोड आपके लिए है।
शटर प्रायोरिटी मोड (Shutter Priority Mode)
यदि आप गतिशील (moving) सब्जेक की तस्वीर ले रहे हों और उनके मोशन को अपनी तरह से दिखाना चाहते हैं लेकिन अपर्चर सेट करने में वक्त जाया नहीं करना चाहते, तो यह शटर प्रायोरिटी मोड आपके काम का है। मोशन फ्रीज करने या ब्लर (blur) करने का विकल्प अपने हाथ में रखते हुए आप एक्सपोजर की चिंता से मुक्त रहते हैं क्योंकि इस मोड में कैमरा आपके लिए अपर्चर डिसाइड करता है।
शटर प्रायोरिटी मोड में shutter speed पर आपका कंट्रोल रहता है। साथ ही आप ISO, व्हाइट बैलेंस (white balance), पिक्चर कंट्रोल, फोकस एरिया, फोकस मोड, मीटरिंग (metering) वगैरह भी खुद से ही सेट करते हैं। कैमरे का काम केवल aperture सेट करना रहता है।
मैनुअल मोड (Manual Mode)
जैसा कि आपने देखा प्रोग्राम, अपर्चर और शटर प्रायोरिटी मोड- तीनों सेमी-ऑटोमैटिक मोड हैं। इनका इस्तेमाल आपको एक्सपोजर में बड़ी गलती होने की संभावना से हर हाल में बचाए रखता है, और इस मामले में आप सेफ रहते हैं। लेकिन, फोटोग्राफी में असली मजा तब है जब हर एक चीज फोटोग्राफर खुद से तय करे। इसीलिए, मैनुअल मोड हमेशा असली फोटोग्राफर की पहली पसंद रहा है।
मैनुअल मोड वह डिजिटल कैमरा मोड है जिसमें आपको अपर्चर, शटर-स्पीड और ISO तीनों खुद से सेट करना होता है, यानी टोटल एक्सपोजर पर आपका नियंत्रण रहता है। बाकी की चीजें- व्हाइट बैलेंस (white balance), पिक्चर कंट्रोल, फोकस एरिया, फोकस मोड, मीटरिंग (metering) वगैरह तो आपको खुद से ही सेट करना है।
दरअसल, manual mode के अलावा बाकी सभी मोड्स में तस्वीर को लगभग एक जैसा एक्सपोजर मिलता है। लेकिन, यदि आप मनचाहे तरीके से तस्वीर को एक्सपोज करना चाहते हैं, या कलात्मक रुझान वाली तस्वीरें लेना चाहते हैं तो मैनुअल मोड को छोड़कर इन सभी मोड्स से आपको निराशा मिलेगी। इसलिए, DSLR हाथ आते ही, धीरे-धीरे ही सही, आपको मैनुअल मोड पर अपनी पकड़ मजबूत करनी चाहिए ताकि आप फोटोग्राफी के रियल स्किल और उसकी असली दुनिया से रू-ब-रू हो सकें!
- कैमरे का असली मोड ‘मैनुअल मोड’ है।
- बाकी मोड्स कैमरों की डिजिटल तकनीक आने के बाद पैदा हुए।
- नेगेटिव फिल्म वाले SLR के जमाने में ऑटोमैटिक या सेमी-ऑटॉमैटिक मोड्स नहीं थे। तब सारा कुछ फोटोग्राफर की अपनी सूझबूझ और स्किल पर निर्भर था।
- इसीलिए, तब फोटोग्राफी एक प्योर आर्ट थी जिसके लिए गहरा हुनर चाहिए होता था!
डीएसएलआर कैमरा में इन्हें कैसे सेट करते हैं
जैसा कि आपने ऊपर देखा इन मोड्स को Auto, P, A या Av, S या Tv और M संकेतों (symbol) से दिखाया जाता है और इन्हें कैमरे के मोड डायल (Mode Dial) की मदद से सेट किया जाता है। कंज्यूमर या एंट्रीलेवल डीएसएलआर में मोड डायल के ऊपर ये संकेत अलग-अलग लिखे होते हैं और केवल डायल को घुमा कर मोड्स बदले जा सकते हैं, जबकि प्रोफेशनल कैमरों में ऐसा करने का थोड़ा अलग तरीका होता है। जैसे निकॉन D500 में आपको दाएं हाथ की उंगली से मोड डायल में दिए गए mode बटन को दबाकर और बाएं हाथ के अंगूठे से main command dial घुमाकर मनचाहा मोड सेट करना पड़ता है।
ये सारे शूटिंग मोड्स या कैमरा मोड्स मुख्य रूप से पांच होते हैं लेकिन अलग-अलग कैमरा कंपनी इनके लिए अलग-अलग Letter/अक्षर संकेत के रूप में इस्तेमाल करती है। जैसे, Nikon अपर्चर प्रायोरिटी के ‘A’ symbol इस्तेमाल करता है जबकि Canon इसे ‘Av’ symbol देता है। ये संकेत (symbol) कुछ भी हों लेकिन इनके फंक्शन सभी कैमरों में समान होते हैं। आपको अपने कैमरे के यूजर मैनुअल में इन्हें समझना होगा।
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