दोस्तो, बेहतरीन फोटो खींच पाने के लिए ही तो हम हजारों रुपए खर्च कर DSLR कैमरा लेते हैं। लेकिन, ऐसा नहीं है कि डीएसएलआर कैमरे को किसी भी तरह यूज करें तो अच्छी फोटो ही आती है। कैमरा बस एक औजार है, एक साधन है। उससे बढ़िया रिजल्ट पाने के लिए उसे हमें सही तरीके से यूज करना सीखना होता है। हमने यहां DSLR कैमरे से बेहतरीन फोटो खींचने के कुछ बेसिक और व्यावहारिक टिप्स सुझाएं हैं। उम्मीद है अपने DSLR से अच्छी फोटो लेने में ये टिप्स – dslr camera photography tips in hindi आपके लिए उपयोगी साबित होंगे।
DSLR से अच्छी फोटो कैसे खींचेंं: 7 बेसिक टिप्स जो आपको जरूर जानने चाहिए
1. अपने DSLR कैमरे को जानें
डीएसएलआर कैमरा बनाने वाली निकॉन, कैनन, सोनी, ओलंपिक्स आदि कई कंपनियां हैं। अलग-अलग कंपनियों के अलग-अलग मॉडल्स होते हैं। मोटे तौर पर सारे डीएसएलआर लगभग एक जैसे होकर भी हर मॉडल को यूज करने के तरीकों (अर्गोनॉमिक्स) में कुछ न कुछ अंतर होता है। आपको अपने कैमरे के सारे फंक्शंस, कैमरे की बनावट और सारे बटनों और डायलों का सही यूज करने के लिए कैमरे का यूजर मैनुअल ध्यान से पढ़ना चाहिए। यूजर मैनुअल की स्टडी किसी भी उपकरण को जानने का पहला कदम है।
DSLR से अच्छी फोटो लेने लेने के लिए बेहद जरूरी है कि आप अपने DSLR के सारे बटनों और डायलों को समझ लें और उनका प्रयोग करना सीख लें। लेकिन, कैमरे की सारी सेटिंग्स केवल इन बटनों और डायलों से कवर नहीं होतीं। डिजिटल कैमरे के कई फंक्शंंस और पैरामीटर्स MENU के अंदर जाकर सेट करने पड़ते हैं। इसके लिए MENU बटन होता है जिसे दबाकर आप MENU में प्रवेश करते हैं। फिर SELECTOR और OK बटनों की मदद से अपने मनचाहे वैल्यू सेट करते हैं।
2.कैमरा सही तरीके से पकड़ें
कैमरा सही तरीके से पकड़ें। इससे आप फोटो क्लिक करते वक्त कैमरे को अनावश्यक हिलने से बचा पाएंगे। अच्छी शार्पनेस वाली फोटो के लिए कैमरे का स्थिर होना जरूरी होता है। मुख्य रूप से दाहिने हाथ की हथेली और नीचे की तीन उंगलियां ही कैमरे को संभालती हैं। कैमरे को ऑपरेट करने में दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली (fore finger) और अंगूठे की मुख्य भूमिका होती है।
बायीं हथेली से कैमरे की बॉडी और लेंस को नीचे से सपोर्ट दिया जाता है। बाएं हाथ की ही उंगलियां लेंस के जूम रिंग और फोकस रिंग ऑपरेट करने के काम आती हैं। फोटो क्लिक करते समय अपनी दोनों केहुनियों को सीने के दोनों ओर मजबूती से सटाकर रखना चाहिए।
आपको अपना शरीर सही पोजिशन में रखना चाहिए ताकि शरीर असंतुलित होकर हिलने-डुलने से बचा रहे। संभव हो तो किसी दीवार, खंभे, पेड़, गाड़ी आदि से शरीर को टिकाकर एक्स्ट्रा सपोर्ट हासिल करें।
3.सही एक्सपोजर सेट करें
एक्सपोजर वह सबसे बड़ा फैक्टर है जिसकी वजह से फोटो सही बनती है या बिगड़ जाती है। DSLR से अच्छी फोटो लेने के लिए जरूरी है सही एक्सपोजर सेट करना। शटरस्पीड, अपर्चर और ISO की मदद से फोटो में मनचाहा एक्सपोजर पाया जा सकता है। आपके कैमरे का यूजर मैनुअल बताता है कि इन तीनों के वैल्यू सेट करने में किस-किस बटन का यूज करना है और कैसे करना है।
एक्सपोजर रीड करने में कैमरे का लाइट मीटर या एक्सपोजर इंडीकेटर आपकी मदद करता है। इसे आप व्यूफाइंडर में भी देख सकते हैं और कैमरे के एलसीडी स्क्रीन पर भी। इसके बीच में ‘0’ लिखा होता है और उसके बाएं-दाएं किसी एक तरह ‘+’ और दूसरी तरफ ‘-’ का साइन बना होता है। ‘+’ की तरफ एक्सपोजर यानी लाइट बढ़ती है जबकि ‘-’ की तरफ बढ़ने पर एक्सपोजर घटता जाता है। ‘0’ वैल्यू बैलेंस्ड एक्सपोजर को दर्शाता है।
एक्सपोजर के Manual Mode (M) में आपको तीनों पैरामीटर्स (शटरस्पीड, अपर्चर और ISO) खुद से सेट करने होते हैं। यदि आप Aperture Priority, Shutter Priority या फुल Auto मोड अपनाते हैं कुछ काम आप करते और कुछ आपका DSLR आपके लिए कर देता है।
डिजिटल जमाने में आपको यह सुविधा मिल जाती है कि आप कुछ ट्रायल शॉट्स लेकर कैमरे के पीछे दिए एलसीडी स्क्रीन पर जांच कर सकते हैं। फिर मनचाहा एक्सपोजर सेट करें और उसके बाद शूट आरंभ करें।
4.सही मीटरिंग मोड चुनें
ऊपर आपने जाना कि कैमरे का exposure indicator या लाइट मीटर एक्सपोजर रीड करता है। मीटरिंग मोड DSLR का वह फीचर है जिसकी मदद से हम कैमरे के इस exposure indicator (लाइट मीटर) को यह बताते हैं कि सीन के कितने बड़े हिस्से की लाइट (एक्सपोजर) को रीड करना है।
विभिन्न मीटरिंग मोड के लिए भी अलग-अलग कैमरा ब्रांड अलग-अलग नामों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, मुख्य रूप से मीटरिंग मोड 3 होते हैं- (i) Spot Metering (ii) Center-weighted, और (iii) Matrix Metering.
Spot Metering वहां चुनना चाहिए जहां संपूर्ण फ्रेम की तुलना में आपका मुख्य सब्जेक्ट छोटा हो। मान लीजिए, आप किसी चिड़िया की फोटो ले रहे हैं और चिड़िया पूरे फ्रेम का एक छोटा हिस्सा घेरती है तो Spot Metering मोड सेट करने के बाद आप जैसे ही चिड़िया पर फोकस कर हाफ शटर दबाएंगे कैमरे का लाइट मीटर चिड़िया का एक्सपोजर रीड करके आपको बताएगा।
Matrix Metering संपूर्ण फ्रेम का एक्सपोजर बताने के लिए होती है। लैंडस्केप शूट करने के लिए यह मीटरिंग मोड सही रहता है।
Center-weighted मीटरिंग सेलेक्ट करने पर कैमरे का लाइट मीटर फ्रेम के मध्य भाग (सेंटर) का एक्सपोजर रीड करता है। यह ऐसे सब्जेक्ट को शूट करने में इस्तेमाल किया जाना चाहिए जो संपूर्ण फ्रेम तो नहीं, लेकिन फ्रेम के बीच का एक बड़ा हिस्सा घेरता है।
5.फोटो शूट करना शुरू करने से पहले कैमरे की इन जरूरी सेटिंग्स की जांच करें
पिक्चर क्वालिटी और पिक्चर साइज
कभी-कभी ऐसा होता है कि हम एक्सपोजर तो सही सेट कर लेते हैं लेकिन पिक्चर क्वालिटी, पिक्चर साइज, व्हाइट बैलेंस, पिक्चर स्टाइल (पिक्चर कंट्रोल) जैसे पैरामीटर्स की सेटिंग की जांच करना भूल जाते हैं। इन सारे सेटिंग्स के ऑप्शन आपके DSLR के MENU में दिया गया होता है।
बेस्ट पिक्चर क्वालिटी और सबसे बड़ी पॉसिबल पिक्चर साइज स्थायी रूप से सेट रखना ठीक रहता है। भले ही इससे कैमरे का मेमरी कार्ड जरा जल्दी भर जाए, लेकिन ऐसा करना सुरक्षित रहता है। बेस्ट पिक्चर क्वालिटी और बड़ी पिक्चर साइज को आप बाद में पोस्ट प्रॉसेसिंग के वक्त कम कर सकते हैं लेकिन यदि कैमरे में ये पहले से ही छोटे वैल्यू पर सेट किए गए हों तो आप बाद में इन्हें बढ़ा नहीं सकते।
व्हाइट बैलेंस
प्रायः हम jpeg फॉर्मेट में फोटो खींचते हैं, तो इसके लिए फोटो लेने से पहले इन-कैमरा white balance सेट करना न भूलें। फोटो को सही और वास्तविक अथवा मनचाहा रंगत देने के लिए आपको उसी हिसाब से व्हाइट बैलेंस सेलेक्ट करना होगा। daylight, cloud, shade, tungsten, fluorescent वगैरह व्हाइट बैलेंस के मुख्य प्रकार हैं जो प्रायः मिलते-जुलते नाम के साथ सभी ब्रांड के DSLR कैमरों में दिए गए होते हैं। वैसे, Auto white balance का ऑप्शन तो हर DSLR में होता ही है!
RAW फॉर्मेट में शूटिंग करने वालों के लिए इन-कैमरा white balance सेट करना जरूरी नहीं होता। RAW इमेज की पोस्ट-प्रॉसेसिंग के वक्त आप white balance करेक्ट कर सकते हैं या जैसा चाहें वैसा रख सकते हैं।
पिक्चर स्टाइल
आपके डीएसएलआर के menu में ‘Picture Style’ या ‘Picture Control’ सेलेक्ट करने के ऑप्शन दिए गए होते हैं। इसकी मदद से आप फोटो में रंग की मात्रा, शार्पनेस, कंट्रास्ट, ब्राइटनेस और ह्यू सेट कर सकते हैं। विभिन्न ब्रांड के डीएसएलआर में इस फीचर के लिए भी मिलते-जुलते से नाम वाले ऑप्शन हो सकते हैं, जैसे- standard, neutral या flat, landscape, vivid etc. एक ऑप्शन मोनोक्रोम यानी ब्लैक & व्हाइट फोटो का भी होता है। आप चाहें तो इन सबके अंदर भी शार्पनेस, कंट्रास्ट, ब्राइटनेस, ह्यू के अपने मनचाहे वैल्यू सेट कर सकते हैं।
6.सही फोकस पॉइंट चुनें
दोस्तो, शार्प और catchy फोटो पाने के लिए लेंस का फोकस आपकी फोटो के मुख्य सबजेक्ट पर होना चाहिए। आपको हर बार हर क्लिक पर फोकस सेट करना होता है। DSLR कैमरा आपको बेस्ट Auto-Focus सुविधा देता है। वैसे, चाहें तो आप लेंस पर लगे फोकस रिंग को घुमाकर मैनुअल तरीके से भी फोकस सेट कर सकते हैं।
DSLR कैमरे में Auto-Focus के लिए कई सारे फोकस पॉइंट्स होते हैं। एंट्री-लेवल डीएसएलआर में 9 या 11 से लेकर एडवांस्ड डीएसएलआर में 50 से अधिक फोकस पॉइंट्स हो सकते हैं। जितने अधिक फोकस पॉइंट्स दिए गए होते हैं फोकस करने में आपको उतनी ही अधिक सहूलियत होती है।
DSLR में प्रायः selector बटन की मदद से फोकस पॉइंट खिसकाया जाता है। व्यू फाइंडर में देखते हुए आप सीन के अपने मनचाहे हिस्से पर फोकस पॉइंट ले जा सकते हैं। शटर बटन को हल्के से दबाने (हाफ प्रेस) से कैमरा Auto-Focus लॉक कर लेता है। इसके होने पर बीप की साउंड आती है या व्यू फाइंडर के एक कोने में ग्रीन सर्कल ग्लो होकर स्थिर हो जाए तो समझें कि कैमरे ने फोकस हासिल कर लिया है। शटर बटन को हाफ-प्रेस स्थिति में ही दबाए रखना है और उसी स्थिति में उसे पूरा दबाने पर फोकस युक्त फोटो क्लिक हो जाती है।
7. Single-servo AF और Continuous-servo AF चुनें
आपको अपने डीएसएलआर कैमरे के ऑटो-फोकस को भली प्रकार समझना चाहिए। यहां हम ऑटो-फोकस सिस्टम के केवल दो बेसिक फीचर्स – Single-servo AF और Continuous-servo AF की चर्चा करेंगे। इन्हें आप अपने डीएसएलआर के MENU में जाकर सेलेक्ट कर सकते हैं। एडवांस्ड डीएसएलआर कैमरों में इन्हें आप MENU में गए बिना, बटनों के जरिए शॉर्ट-कट तरीके से सेलेक्ट कर सकते हैं।
Single-servo AF – यदि आपका सबजेक्ट स्थिर है तो आपको ऑटो-फोक्स का यह मोड चुनना चाहिए।
Continuous-servo AF – यह गतिशील (मूविंग) सब्जेक्ट के लिए बेहतरीन रिजल्ट देता है। अपने मूविंग सब्जेक्ट पर फोकस कर शटर बटन को आधा दबाए हुए आप कैमरे को सब्जेक्ट के साथ पैन करें और फोकस लगातार आपके गतिशील सब्जेक्ट पर बना रहेगा।
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sumit singh
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