एक्सपोजर (Exposure) : फोटोग्राफी की आत्मा
फोटोग्राफी सीखने वालों के लिए एक्सपोजर (Exposure) स्टार्टिंग पॉइंट की तरह है। फोटोग्राफी मूलतः प्रकाश के परावर्तन (reflection of light) सिद्धांत पर आधारित है। कैमरे के आगे की चीजों पर पड़ने वाली रोशनी की कुछ मात्रा उनसे टकराकर लेंस से होते हुए कैमरे के सेंसर या फोटो-फिल्म तक पहुंचती है। इससे कैमरे के अंदर फोटो का निर्माण होता है। रोशनी की यह मात्रा जब जरूरत से अधिक होती है तब आपकी तस्वीर अस्वाभाविक रूप से अधिक चमकीली या सफेद दिखती है, और जरूरत से कम होने पर फोटो डार्क दिखती है।
दोस्तो, यही है एक्सपोज़र (Exposure) जिससे फोटो की चमक (brightness) या उसका कालापन (darkness) तय होता है। तकनीकी शब्दों में कहें तो एक्सपोजर फोटो फिल्म या सेंसर की प्रति यूनिट एरिया को मिलने वाली लाइट की मात्रा है। जरूरत से अधिक रोशनी वाली तस्वीरों (image) को ‘ओवर एक्सपोजर’ वाली तस्वीर और कम या अपर्याप्त रोशनी वाली तस्वीरों को ‘अंडर एक्सपोजर’ वाली तस्वीर कहते हैं।
फोटोग्राफी में एक्सपोजर (Exposure) सेट करना क्यों महत्वपूर्ण है?
अब, यदि आप ‘पॉइंट एंड शूट’ कैमरे का इस्तेमाल करते हैं या DSLR कैमरे को Auto मोड पर चलाते हैं, कैमरा आपके लिए खुद एक्सपोजर निर्धारित कर देता है। आपका समय बचता है और आप धड़ाधड़ ढेर सारी तस्वीरें ले पाते हैं। आप फ्रेम कंपोज करने पर अधिक ध्यान दे पाते हैं।
लेकिन अकसर होता यह है कि जब आप बाद में अपनी तस्वीरें रिव्यू करते हैं तो बहुत सारी तस्वीरों के एक्सपोजर से आप खुश नहीं होते। वे वैसे नहीं होते जैसा आप चाहते थे। तस्वीरों में कुछ दृश्य आपकी उम्मीदों से अधिक चमकीले हो जाते हैं तो कुछ अधिक अंधेरे। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कैमरे के ऑटोमैटिक मोड की प्रोग्रामिंग इस लिहाज से की गई होती है कि वह एक फोटो में लाइट का एक एवरेज वैल्यू लेकर चले।
कैमरे का नया इस्तेमाल करते हुए पहले-पहल हम फोटो खींचने के रोमांच में होते हैं, तो ज्यादा कुछ पता नहीं चलता। लेकिन धीरे-धीरे जब हम फोटो को ध्यान से देखना सीखते हैं तो बात समझ में आने लगती है। अब हमें मैनुअल मोड (manual mode) की जरूरत महसूस होती है। ताकि हम कैमरे में एक्सपोज़र (Exposure) सेट कर अपनी फोटो में लाइट की मात्री खुद से तय कर पाएं।
कैमरे के ‘ऑटो Exposure’ और ‘मैनुअल Exposure’ के उहारण
Image 1 : (Auto Mode) f/5.6, 1/125sec, ISO-400
Image 2 : (Manual Mode) f/6.3, 1/800sec, ISO-400
ऊपर Image 1 और Image 2 के examples को ध्यान से देखिए। दोनों फोटो मैनुअल एक्सपोजर की सुविधा वाले Sony RX100 कैमरे से लगभग एक ही समय में, कुछ सेकेंड के अंतराल पर ली गई हैं। पहली तस्वीर ‘Image 1’ ऑटो मोड पर ली गई, जिसमें एक्सपोजर सेट करने का जिम्मा कैमरे का था। कैमरा बच्चे के चेहरे पर फोकस था। यहां चेहरे को पूरी तरह रोशन करने के लिए कैमरे ने आकाश और घास की पत्तियों को ओवर-एक्सपोज्ड कर दिया। उनके डीटेल्स और कलर गायब हैं।
दूसरी तस्वीर ‘Image 2’ लेने के लिए हमने एक्सपोजर वैल्यू खुद से मैनुअली सेट किए। हमें ऐसी तस्वीर चाहिए थी जिसमें बच्चे का चेहरा थोड़ा कम रोशन हो लेकिन आकाश और घास की पत्तियों के रंग और डीटेल्स मौजूद रहेंं। इसके लिए केवल एपर्चर और शटरस्पीड के वैल्यू बदलकर एक्सपोजर एडजस्ट किया गया और ISO वही रहने दिया गया।
तो आपने देखा, किस तरह camera exposure को मैनुअल तरीके से सेट कर हम मनचाही तस्वीरें ले सकते हैं। फोटो निर्माण के लिए कितना प्रकाश (यानी एक्सपोजर) मिलेगा, यह सब्जेक्ट के ऊपर पड़ने वाली रोशनी और कैमरे के खुद की एक्सपोजर सेटिंग पर निर्भर करता है। तस्वीर का Exposure चार फैक्टर्स पर निर्भर करता है :
- सब्जेक्ट से रिफ्लेक्ट होकर आने वाली लाइट की मात्रा
- लेंस का Aperture
- कैमरे की Shutter Speed और
- ISO
अपर्चर, शटर स्पीड और ISO मिलकर ‘Exposure Triangle’ कहलाते हैं। फोटो का बनना-बिगड़ना सबसे अधिक इसी ‘Exposure Triangle’ पर निर्भर करता है। इसलिए ‘Exposure Triangle’ पर कमांड हासिल करना एक अच्छे फोटोग्राफर के लिए सबसे जरूरी बात होती है। इन्हें आप कैमरे में खुद से सेट कर सकते हैं। [अगले आर्टिकल Exposure Triangle (अपर्चर, शटर स्पीड और ISO) में आप इनके बारे में थोड़ी और डीटेल मेें जानकारी पाएंगेे।]
जितने भी डीएसएलआर कैमरे होते हैं उनमें ऑटो मोड के साथ-साथ मैनुअल मोड भी दिया होता है। उसमें आप अपनी जरूरत के हिसाब से Exposure सेट कर सकते हैं। लेकिन यदि आप Point & Shoot कैमरा ही खरीदने का निर्णय करते हैं तो हमारी सलाह है थोड़ा बजट बढ़ाएं और manual mode वाला पॉइंट एंड शूट कैमरा खरीदें ताकि जरूरत पड़ने पर अपनी तस्वीरों को मनचाहा एक्सपोज़र (Exposure) देना आपके लिए संभव हो।
आगे पढें–
- फोटोग्राफी क्या है: Photography का इतिहास, स्कोप और उपयोगिता
- कैमरा कैसे काम करता है? कैसे बनती है कैमरे में तस्वीर..
- कौन सा कैमरा खरीदें : पहला कैमरा डिसाइड करने के टिप्स
- एक्सपोजर ट्राएंगल (Exposure Triangle)- एक्सपोजर कंट्रोल के 3 कारक…
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