कौन सा कैमरा खरीदें – Choosing the right camera in Hindi
पहली बार कौन सा कैमरा खरीदें? दोस्तो, हॉबी के रूप में फ़ोटोग्राफी एक बेहतरीन शौक है। यह आपको दुनिया देखने का जज्बा देता है। लोगों से जोड़ता है, समाज और प्रकृति से जोड़ता है। और धीरे-धीरे आप एक बेहतरीन इंसान बनते जाते हैं।हममें से कई लोग ऐसे होंगे जिनके आस-पास फ़ोटोग्राफी से परिचय का कोई माहौल नहीं होता। धीरे-धीरे अखबारों या मैग्जीन से या किसी दोस्त या परिचित को फ़ोटो खींचता देखकर हमारी नजर पहली बार कैमरे पर पड़ती है। पहले कुतूहल होता है, फिर हमारा भी मन खुद से फ़ोटो लेने को करता है। इस तरह जीवन में कैमरे की दस्तक पड़ती है और हम अपना पहला कैमरा खरीदने की सोचते हैं।
पहली बार कैमरा खरीदने के बात सोचने पर मन में सबसे पहला सवाल यह आता है कि ‘कौन सा कैमरा’? जाहिर है आज के समय में जब किसी के मन में यह सवाल आता है तो उससे पहले वह स्मार्ट फोन से ढेरों तस्वीरें ले चुका होता है। और, इस दौरान, फोन के कैमरे की ‘लिमिटेशंस’ समझ में आ चुकी होती है।
जाहिर है इस समय तक हमारी नजर कैमरे की कई किस्मों पर भी पड़ चुकी होती है, जैसे कि- ‘डिजिटल कम्पैक्ट’ या ‘प्वाइंट एंड शूट’, डीएसएलआर और ‘मिरर-लेस’ कैमरा । अब हमें इनमें फैसला करना होता है।
यदि आप भी इस स्टेज पर पहुंच चुके हैं तो आइए, जानते हैं अपना पहला कैमरा खरीदने से पहले किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
सबसे पहले, आपको बाजार में उपलब्ध कैमरे के इन प्रमुख किस्मों के बारे में जान लेना चाहिए। आइए, एक-एक कर इन तीनों प्रकार के कैमरों के बारे में, उनकी खूबियों (pros) और खामियों (cons) के बारे में जानते हैं-
1.‘प्वाइंट एंड शूट’ कैमरा
इसे ‘डिजिटल कॉम्पैक्ट कैमरा’ भी कहते हैं।
पॉइंट एंड शूट कैमरे की खूबियां (pros) – ये सबसे अधिक बिकने वाला कैमरे हैं। इसकी तीन वजहें हैं-
(i) छोटा साइज – ये कैमरे साइज में छोटे होते हैं और प्रायः इन्हें आराम से पैंट की जेब में या लेडी पर्स में रखा जा सकता है। इन कैमरों के सेंसर (sensor) और लेंस छोटे होते हैं। पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक होने की वजह कैमरे के अंदर सबकुछ छोटे में समेट दिया जाता है।
(ii) लेंस बदलने का झंझट नहीं– इस किस्म के कैमरे में एक ही attached लेंस होता है जो कोलैप्सेबल (collapsible) होता है, यानी वह फ़ोटो लेने के वक्त कैमरे से बाहर आता है और फिर कैमरा बंद करते ही सिमट कर कैमरे के अंदर चला जाता है।
(iii) वजन में हल्का (light weight)- हल्के और छोटे लेंस और हल्के हार्डवेयर के कारण ये वजन में हल्के होते हैं।
(iiii) पूरी तरह ऑटोमैटिक- ये कैमरे पूरी तरह ऑटोमैटिक होते हैं (कुछ प्रोफेशनल ग्रेड को छोड़कर जिनमें मैनुअल सेटिंग्स की सुविधा होती है, लेकिन ये महंगे होते हैं।) इस कारण, ये इस्तेमाल में बेहद आसान होते हैं। बस, जेब से निकाला, ऑन किया और ले लिया फ़ोटो! एक्सपोजर सेट करने से लेकर फोकस करने तक सबकुछ कैमरा खुद ही कर लेता है, आपको कुछ नहीं करता पड़ता।
(iv) बेहद सस्ता- प्रायः इनकी कीमतें डीएसएलआर और ‘मिरर-लेस’ कैमरों की कीमत की तुलना में बहुत कम होती हैं। इनके बेस मॉडल की तुलना अगर डीएसएलआर के बेस मॉडल की जाए तो सबसे सस्ते नए डीएसएलआर की कीमत जहां कम से कम 28,000/- होती है वहीं, ये 5000/- तक में भी मिल सकते हैं।
पॉइंट एंड शूट कैमरे की खामियां (cons)
(i) साधारण पिक्चर क्वालिटी- छोटे साइज के सेंसर (DX मॉडल DSLR कैमरों की तुलना में इनके सेंसर का एरिया 1/10 भी कम होता है) और लेंस साधारण और छोटे लेंस की वजह तस्वीरों की क्वालिटी DSLR या मिररलेस कैमरे की तुलना में कमजोर रहती है।
(ii) कम रोशनी (Low Light) वाले सिचुएशन में फ़ोटो अच्छे नहीं आते।
(iii) जरूरत के हिसाब से लेंस इस्तेमाल करने की सुविधा नहीं।
(iv) इन कैमरों में मनचाहे तरीके से फ़ोटो लेने की आजादी नहीं होती। आपकी तस्वीरें हमेशा कैमरा मैन्युफैक्चरर द्वारा सेट की गई प्री-प्रोग्रामिंग के अधीन होती है।
पॉइंट & शूट कैमरा किसे खरीदना चाहिए?
यदि आप कैमरे का इस्तेमाल केवल फैमिली के यादगार पलों को संंजोने के लिए करना चाहते हैं। यात्रा में कहीं में ले जाने के लिए ऐसा ऑटोमैटिक कैमरा चाहते हैं जो आपके हैंड बैग, पर्स या पैंट की जेब में समा जाए तो आपके लिए यह सही ऑप्शन है।
2. डीएसएलआर कैमरा
- Canon के बेस्ट डीएसएलआर (2019): एंट्री-लेवल से प्रो-लेवल तक
- Nikon के बेस्ट डीएसएलआर (2019) : एंट्री-लेवल से प्रो-लेवल तक
दूसरा ऑप्शन हमारे पास DSLR कैमरों का होता है। DSLR की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें मैनुअल, सेमी मैनुअल (जिसे कैमरे की भाषा में प्रोग्राम्ड मैनुअल कहा जाता है) और ऑटोमैटिक मोड की सारी खूबियां होती हैं। यानी, आप चाहें तो इन्हें ऑटोमैटिक मोड में ‘पॉइंट एंड शूट’ की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जहां एक DSLR कैमरा आपके लिए सबकुछ खुद से सेट कर देता है। बस आपको अपनी जरूरत के हिसाब से लेंस अटैच करना पड़ता है। देखा जाए तो DSLRs परफेक्ट कैमरे हैं। नए फ़ोटोग्राफी सीखने वालों, एडवांस्ड हॉबीस्ट यानी शौकिया गंभीर फ़ोटोग्राफरों और पूरी तरह पेशेवर (professional) फ़ोटोग्राफर्स सबकी जरूरतों को ध्यान में रखकर कंपनियां अलग-अलग मॉडल पेश करती हैं। आइए बात करते हैं DSLR कैमरे की खूबियों और खामियों (pros & cons) के बारे में-
DSLR कैमरे की खूबियां
(i) बेहतरीन पिक्चर क्वालिटी- सेंसर (sensor) साइज बड़ा होने के काराण DSLR कैमरा का सेंसर (sensor) साइज बड़ा होता है (कम्पैक्ट पॉइंट & शूट कैमरे और मोबाइल कैमरे की तुलना में कम से कम 10 गुना बड़ा सेंसर एरिया)। बड़े सेंसर के कारण फ़ोटो क्वालिटी अच्छी होती है। बेहतरीन पिक्चर क्वालिटी वह सबसे बड़ा फैक्टर है जो इसे ‘डिजिटल कॉम्पैक्ट’ यानी ‘प्वाइंट एंड शूट’ कैमरों से अलग खड़ा करता है।
(ii) बेहतरीन लो लाइट कैपसिटी- जैसा कि ऊपर आपने देखा कम्पैक्ट कैमरे लो लाइट यानी कम रोशनी की स्थिति में अच्छी तस्वीर नहीं ले पाते हैं। लेकिन, DSLR इस मामले में भी सुपर्ब होते हैं। आज के डीएसएलआर, चाहे वे nikon, canon, sony या किसी भी ब्रांड के हों, उनकी लो लाइट कैपसिटी आपकी जरूरतों से बढ़कर होती है।
(iii) खुद से फोकस पॉइंट सेट करने की सुविधा- DSLR कैमरों के ऑटो फोकस फीचर कमाल के होते हैं। फ्रेम के मनचाहे ऑब्जेक्ट पर फोकस करना एक अच्छे फ़ोटोग्राफ लेने के लिए बेहद जरूरी होता है। प्रायः पॉइंट & शूट कैमरे यह काम नहीं कर पाते। लेकिन, DSLR कैमरे में आप तय कर सकते हैं कि सीन के अंदर कहां किस चीज पर फोकस करना है।
(iv) जरूरत के हिसाब से लेंस चुनने की आजादी- याद रखिए, परफेक्ट फ़ोटो के लिए आपको अलग-अलग फ़ोटोग्राफिक सिचुएशन में अलग-अलग लेंस की जरूरत पड़ेगी। एक बार DSLR लेकर आप उसमें जीवन भर अपनी बदलती जरूरत या शौक के अनुसार मनचाहे लेंस इस्तेमाल कर सकते हैं। लेंस कभी पुराना नहीं पड़ता। एक बार खरीदा हुआ लेंस लाइफ-टाइम इनवेस्टमेंट होता है।
(v) फास्ट शटर स्पीड- DSLR कैमरे की तेज शटर स्पीड आपको गतिशील चीजों यानी मूविंग सब्जेक्ट को फ्रीज करने की सुविधा देती है। उड़ती चिड़िया, तेजी से गुजरी गाड़ी, खेलता हुआ बच्चा, भागते हुए जानवर जैसे सब्जेक्ट्स की बिना मोशन ब्लर (motion blur), आप अच्छी तस्वीरें ले सकते हैं।
(vi) मनमाफिक तरीके से फ़ोटो लेने की पूरी आजादी : फुल क्रिएटीविटी – DSLR कैमरे के फीचर्स और इस्तेमाल किए जाने वाले लेंस की खूबियों के बल पर आप लगभग किसी भी तरह की तस्वीर लेने के लिए आजाद होते हैं। यानी, आपका फ़ोटो-निर्माण पर पूरा कंट्रोल होता है। आप अपने मर्जी के अनुसार एक्सपोजर सेट करें, फोकस पॉइंट चुनें, डेप्थ ऑफ फील्ड (depth of field) कंट्रोल करें, मोशन ब्लर करें या मोशन फ्रीज़ करें- सब आपके हाथों में होता है। यानी, आपके पास फुल क्रिएटीविटी होती है!
DSLR कैमरे की कमियां (cons)
सच पूछा जाए तो डीएसएलआर कैमरे में कोई ऐसी खामी नहीं है जिसकी वजह से आपको इसका विकल्प ढूंढ़ना पड़े। यही वजह है कि आज के फ़ोटोग्राफिक जगत में इनका इस्तेमाल पेशेवर और गंभीर शौकीन फ़ोटोग्राफरों द्वारा सबसे अधिक किया जाता है। लगातार किए जा रहे सुधारों से डीएसएलआर कैमरों में खूबियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। कहने के लिए, फिर भी दो ऐसे फील्ड्स हैं जहां इनमें और सुधारों की जरूरत है-
(i) लेंस बदलने का झंझट- डीएसएलआर से यदि आप हर तरह की फ़ोटोग्राफी करने का शौक रखते हैं और परफेक्ट फ़ोटो चाहते हैं तो आपके लिए हमेशा बैग भरकर लेंस ढोने की जरूरत बनी रहती है।
(ii) कैमरे और लेंस का सम्मिलित वजन – यूं तो डीएसएलआर कैमरा खुद भी वजनी होता है (खासकर फुल फ्रेम fx मॉडल), लेकिन लेंस के साथ मिलकर तो बात ही कुछ और हो जाती है। यदि आप वाइल्डलाइफ फ़ोटोग्राफी के शौकीन हैं तो आपको भारी-भरकम टेलीफ़ोटो लेंस का इस्तेमाल करना ही पड़ेगा।
डीएसएलआर कैमरा किसे लेना चाहिए?
यदि आप फ़ोटोग्राफी को लेकर गंभीर हैं, आप फ़ोटोग्राफी को एक सीरियस हॉबी के रूप में देखते हैं, आपका रुझान वाइल्ड लाइफ फ़ोटोग्राफी की तरफ है, आप low light वाली परिस्थितियों में कलात्मक तस्वीरें लेना चाहते हैं, आपकी रुचि के सब्जेक्ट्स गतिशील चीजें हैं और यदि आपके मन में फ़ोटोग्राफी से पैसे कमाने की लालसा है या आपके लिए आगे चलकर इसे प्रोफेशन के रूप में अपनाने की जरा भी संभावना है, तो आपको DSLR कैमरा लेना चाहिए।
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3. मिररलेस कैमरा
मिररलेस कैमरा अपेक्षाकृत एक नई टेक्नोलॉजी है। डीएसएलआर कैमरों की तरह इसमें भी आप जरूरत के अनुसार लेंस चेंज कर सकते हैं। एक्सपोजर मैनुअली सेट कर सकते हैं और बाकी खूबियां भी डीएसएलआर वाली होती हैं। फर्क यह है कि, इसमें व्यूफाइंडर से देखने के लिए रिफ्लेक्स मिरर नहीं होता। इसमें व्यूफाइंडर से आप जो देखते हैं वह डिजिटल रूप में देखते हैं सीधे ऑप्टिकल रूप में नहीं। टेक्नीकली देखा जाए तो पॉइंट एंड शूट कैमरे भी मिररलेस होते हैं। लेकिन मिररलेस कैमरे में मिरर को छोड़कर बाकी लगभग सारी खूबियां डीएसएलआर वाली होती हैं।
मिररलेस कैमरे की खूबियां और खामियां
मोटे तौर पर मिररलेस कैमरे वजन में हल्के और आकार में छोटे डीएसएलआर कैमरे की तरह होते हैं। डीएसएलआर से तुलना करने पर यही इसकी मुख्य खासियत साबित होती है। लेकिन, केवल इस खासियत के कारण मिररलेस कैमरा खरीदने का फैसला करना जल्दबाजी होगी।
मिररलेस कैमरे अभी नए हैं। सामान्य इस्तेमाल में कम प्रचलित हैं। सामान्य डीएसएलआर कैमरों की तुलना में महंगे होते हैं और सबसे बड़ी बात कि डीएसएलआर की तुलना में इनके लेंस ऑप्शन अभी सीमित हैं। डीएसएलआर की तरह इनके लिए माइक्रो से लेकर सुपर-जूम और लंबे टेलीफोटो लेंसों के उतने प्रकार और ऑप्शंस फिलहार मौजूद नहीं हैं।
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